अर्चना किशोर
छपरा, बिहार
भारत में कुछ व्यवसाय ऐसे हैं जो लगातार बढ़ रहे हैं और इसमें शामिल लोग अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. इनमें महिलाओं के लिए एक ब्यूटी पार्लर भी है. लड़के हों या लड़कियां सभी विशेष आयोजनों में आकर्षक दिखने के लिए हजारों रुपये खर्च कर देते हैं. लोगों के इसी जुनून ने इस स्टार्टअप को बड़े शहरों से छोटे शहरों और गांवों से कस्बों तक फैला दिया है. हर साल कई महिलाएं इस व्यवसाय को शुरू कर रही हैं. एक सर्वे के मुताबिक भारत में यह काम हर साल 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है. इतना ही नहीं, हमारा देश सौंदर्य उत्पादों और सेवाओं की खपत में दुनिया में दूसरे स्थान पर है. यहां ब्यूटी और हेल्थ बिजनेस का रेट 18 प्रतिशत तक है.
इस व्यवसाय की अच्छी बात यह है कि यह महिलाओं पर केंद्रित है. यही कारण है कि एक उद्यमी अपने साथ कई अन्य महिलाओं/लड़कियों को भी आत्मनिर्भर बना रही है. इनमें से एक है 'डी मीरास', जिसे सुमित श्रीवास्तव ने शुरू किया है. यह छपरा का पहला प्रोफेशनल सैलून है. अपनी शुरुआत के बारे में बात करते हुए सुमित ने कहा, "शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल था क्योंकि अच्छे कर्मचारी छोटे शहर में नहीं आना चाहते थे, इसके अलावा ग्राहकों को सीमित सेवाओं के बारे में पता था, कीमत चुकाने में भी कुछ दिक्कतें थीं. लेकिन समय के साथ सब ठीक हो गया. अच्छे स्टाफ की वजह से लोग भी हमारी सर्विस को पसंद करने लगे.'' डी मीरास एक यूनिसेक्स सैलून है. यही वजह है कि इसमें महिला और पुरुष दोनों कर्मचारी काम करते हैं. यहां पांच लड़कियां कार्यरत हैं, कुछ बाहर से और एक स्थानीय लड़की रोज़गार प्राप्त कर रही है. इस पार्लर में ब्यूटीशियन करिश्मा (बदला हुआ नाम) मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है. वह 2021 में छपरा आई थी. करिश्मा भविष्य में अपना खुद का सैलून खोलना चाहती है. करिश्मा के अनुसार छपरा जैसे छोटे शहरों में भी ब्यूटी पार्लर के प्रति लोगों का काफी आकर्षण है. यह कम लागत में भी सफल होने वाला स्टार्टअप है.
हालांकि ब्यूटी पार्लर का कांसेप्ट काफी पुराना है, लेकिन छोटे शहर और गांव की लड़कियों के लिए यह आज भी थोड़ा मुश्किल है. सामाजिक दबाव, छेड़छाड़, आर्थिक तंगी ये ऐसी परिस्थितियां हैं जिनका उन्हें सामना करना पड़ता है. जीवन में कुछ बेहतर करने के लिए सही समय पर सही करियर का चुनाव करना बहुत जरूरी है. शौक और पेशा एक हो तो संघर्ष कम हो जाता है. इसका उदाहरण इसी हथवा मार्केट में 'ज्योति ब्यूटी सैलून' की संचालिका ज्योति गुप्ता है. जिन्होंने महज 1600 रुपए से अपना बिजनेस शुरू किया था और आज वह एक लक्ज़री सैलून संचालित करती हैं, जिसने उन्हें छपरा की एक सफल महिला उद्यमियों में शुमार कर दिया है. ज्योति ने एक मेकअप आर्टिस्ट के रूप में 2015 में फ्रीलांसिंग शुरू की थी और 2022 में उसके खुद के दो पार्लर हैं. फ्रीलांसर से एंटरप्रेन्योर बनने तक के अपने सफर को याद करते हुए ज्योति कहती हैं, "शुरू में बहुत कठिन था, संपर्क बनाना और कस्टमर का विश्वास जीतना. लेकिन फ्रीलांसिंग के दौरान मैंने कभी हार नहीं मानी, तब जाकर यह सपना पूरा हुआ. शुरुआत में, मैंने अकेले ही सब कुछ संभाला. धीरे-धीरे निवेश किया और आज एक स्थापित ब्यूटी पार्लर संचालित कर रही हूं".
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